Peptic Ulcer in Hindi: पेट में घाव या छाले होने को चिकित्सकीय भाषा में अल्सर या पेप्टिक अल्सर (Peptic Ulcer) कहते हैं। पेट में गाढ़े तरल पदार्थ म्युकस की एक चिकनी परत होती है, जो पेट की भीतरी परत को हाइड्रोक्लोरिक एसिड से बचाती है। इस एसिड की खासियत यह है कि जहां यह एसिड पाचन प्रक्रिया के लिए जरूरी होता है। वहीं शरीर के ऊतकों को नुकसान भी पहुंचाता है। इस एसिड और म्युकस परतों के बीच तालमेल होता है। इस संतुलन के बिगड़ने पर ही पेट में छाले होते हैं। आमतौर पर यह आहार नली पेट और छोटी आंत के ऊपरी भाग में होते हैं।
पेट में अल्सर को आमतौर पर गैस्ट्रिक अल्सर (Gastric Ulcer) भी कहा जाता है जो की पेट की परत पर होने वाले दर्दनाक फोड़े व घाव होते हैं। पेप्टिक अल्सर एक ऐसी बीमारी होती है, जो बड़ी और छोटी आंतों को प्रभावित करती है।
इस रोग से निजात पाना आसान होता है, लेकिन कई मामलों में सही इलाज न करवाने पर स्थिति अधिक गंभीर भी हो सकती है।
पेट में अल्सर के लक्षण क्या है? (Symptoms of Peptic Ulcer in Hindi)
पेट में अल्सर होने पर व्यक्ति को कई विभिन्न प्रकार के लक्षण महसूस हो सकते हैं। यह सभी मरीज की स्थिति की गंभीरता पर निर्भर करते हैं। आमतौर पर व्यक्ति को पेट और सीने के बीच में जलन और दर्द महसूस होता है।
यह दर्द खाली पेट अधिक तीव्र होता है, जो कि काफी लंबे समय तक व्यक्ति को परेशान कर सकता है। पेप्टिक अल्सर का दर्द व्यक्ति दर व्यक्ति कुछ मिनटों से लेकर कई घंटों तक रहता है।
पेट में अल्सर होने के सामान्य लक्षण में निम्न मुख्य रूप से शामिल हैं –
- पेट में बिना किसी कारण दर्द होना
- दर्द के कारण कुछ न खा पाना
- जी मतली या उल्टी होना
- ब्लोटिंग (पेट फूलना)
- सीने में जलन
- खून की कमी
- गहरा मल आना
- मल में खून आना
इस प्रकार के लक्षण व्यक्ति को काफी बुरी तरह प्रभावित कर सकते हैं। अगर पेप्टिक अल्सर का सही इलाज न करवाया जाए तो इसके कारण व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है। हालांकि पेट में अल्सर का जल्द से जल्द परीक्षण करवाने पर सही इलाज की मदद से इसे ठीक किया जा सकता है।
सामान्य लक्षणों के अलावा पेट में छाले होने पर आपको नीचे दी गई स्थिति जैसा भी महसूस हो सकता है –
- खाने पीने के 1-2 घंटे बाद असहज महसूस होना। (डुओडेनल अल्सर और गैस्ट्रिक अल्सर)
- पेट दर्द के कारण रात में जग जाना।
- कम खाने के बाद पेट भरा हुआ लगना।
- पेट में भारीपन महसूस होना, सूजन, जलन होना, हल्का दर्द होना।
- उल्टी आना
- अचानक से वजन में कमी आना।
कुछ लक्षण और संकेत उपर नहीं दिए हैं। अगर आप अपने शरीर के किसी लक्षण से चिंतित हैं, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें और बात करें। इसके अलावा ध्यान रखें कि पेट में छोटे अल्सर के कोई लक्षण नहीं होते हैं। लेकिन अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दें, तो अपने डॉक्टर से सम्पर्क करें।
पेप्टिक अल्सर होने के जोखिम कारक (Risk factor of Peptic Ulcer in Hindi)
कुछ विशेष प्रकार की आदतें और कारकों के कारण पेट में अल्सर होने का जोखिम बढ़ जाता है। इसमें मुख्य रूप से निम्न कारक शामिल हैं –
- नियमित रूप से स्टेरॉयड का इस्तेमाल
- धूम्रपान
- अत्यधिक कैल्शियम उत्पादन
- अनुवांशिक
- शराब की लत
50 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों में पेट में अल्सर की समस्या अधिक होती है। लेकिन ऐसा नहीं है कि यह कम उम्र के लोगों में नहीं होता है। हालांकि बच्चों में इस बीमारी की संभावना कम होती है। बच्चों के पेट में अल्सर होने का कारण उनके माता-पिता के धूमप्रान का सेवन हो सकता है। इसलिए स्मोकिंग की लत से दूर रहकर आप खुद की और अपने बच्चों को बीमारियों से दूर रख सकते हैं।
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पेट में अल्सर का इलाज (Treatment for Peptic Ulcer in Hindi)
पेप्टिक अल्सर का इलाज छाले होने के कारण पर निर्भर करता है। ज्यादातर मामलों में पेप्टिक अल्सर को डॉक्टर द्वारा बताई गई दवा से ठीक किया जा सकता है। हालांकि कुछ दुलर्भ मामलों में मरीज को सर्जरी की भी आवश्यकता पड़ सकती है।
एच.पाइलोरी के कारण होने वाले इस बीमारी का इलाज कुछ दवाइयों के मिश्रण से किया जाता है।
सामान्यत: एच.पाइलोरी के बैक्टीरिया खत्म करने के लिए दो एंटीबायोटिक्स दवाइयों का सेवन 2 हफ्ते करें।
एंटासिड्स – एसिड ब्लॉकर्स या प्रोटॉन पंप इनहिबिटर – अल्सर की दवा के रूप में इन्हें 2 महीने या उससे अधिक समय तक लेने की सलाह दी जाती है। जिससे यह पेट में
एसिड को कम करने और पेट की परत को बचाने में सहायता करते हैं। ताकि अल्सर ठीक होने में मदद हो सके।
यह बेहद आवश्यक है कि आप पेट में अल्सर का सही इलाज करवाएं अन्यथा यह स्थिति आगे चल के जानलेवा हो सकती है। अगर आपको पेट में अलसर के कारण ब्लीडिंग की शिकायत है, तो हो सकता है की एंडोस्कोपी ट्रीटमेंट के लिए आपको कुछ समय अस्पताल में ही रहना पड़े।
इसके अलावा स्थिति की गंभीरता के अनुसार आपको खून चढाने की भी जरूरत पड़ सकती है।
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